Wednesday, November 14, 2018

जंगल में लगी आग पर क़ाबू पाने का तरीका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आसियान सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए सिंगापुर पहुंचे हैं. इस दो दिवसीय दौरे पर वह कई द्विपक्षीय मुलाक़ात करेंगे ,जिसमें अमरीका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली हसेन लुंग से मुलाक़ात भी शामिल है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने प्रधानमंत्री के सिंगापुर पहुंचने के बाद उनके स्वागत की तस्वीरें ट्विटर पर साझा की हैं.
प्रधानमंत्री इस मौक़े पर सिंगापुर फिनटेक फेस्टिवल को संबोधित भी करेंगे जो फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी के दुनिया के सबसे बड़े सम्मेलनों में से एक है.
अमरीका के कैलिफ़ोर्निया प्रांत में लगी अब तक की सबसे भीषण आग में कम से कम 42 लोग मारे गए हैं.
अधिकारियों के मुताबिक पूरी तरह जल चुके पैराडाइज़ शहर के आसपास के इलाक़ों में तेरह और शव मिले हैं. आग फैलना जारी है.
अब तक कम से कम 228 लोग लापता बताए जा रहे हैं. आग की वजह से 7200 इमारतें तबाह हो गई हैं और 15,500 इमारतों पर ख़तरा मंडरा रहा है.
इससे पहले कैलिफ़ोर्निया में सबसे भीषण आग साल 1933 में ग्रीफ़िथ में लगी थी जिसमें 31 लोग मारे गए थे.
बट्टे काउंटी के शेरिफ़ कोरी होनिया ने एक प्रेस वार्ता में मारे गए लोगों की संख्या की पुष्टि की है और लापता लोगों का अधिकारिक आंकड़ा बताया है.
दक्षिणी कैलिफ़ोर्निया में भी जंगलों में आग लगी है और जानमाल का नुक़सान हो रहा है.
आग की वजह से कैलिफ़ोर्निया के अलग-अलग हिस्सों में तीन लाख से अधिक लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े हैं.
राष्ट्रपति ट्रंप ने राज्य में आपदा घोषित कर दी है जिसके बाद संघीय मदद मिलने लगेगी.
बीते गुरुवार को भड़की इस आग की वजह से पेराडाइज़ शहर और आसपास का इलाक़ा तबाह हो गया है.
आग ने कई वाहनों को तबाह कर दिया. जब आग लगी तो लोग जल्दबाज़ी में अपने घर छोड़कर जा रहे थे. कुछ शव जले हुए वाहनों में मिले हैं.
जान बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने में कामयाब रहीं, पेराडाइज़ में रहने वाली सोरेल बॉबरिंक ने बीबीसी को बताया कि उन्हें एक दोस्त ने आग के बारे में जानकारी दी थी.
दृश्य को बताते हुए उन्होंने कहा, "ये ऐसा था जैसे फ़िल्मों में दुनिया का अंत दिखाया जाता है."
उन्होंने कहा कि आसमान में काला धुआं उठ रहा था, लपटें धधक रही थीं और उन्हें नहीं मालूम था कि वो मौत से बचकर भाग रही हैं या मौत के मुंह में जा रही हैं.
उन्होंने बताया, "मुझे आग के बीच से गाड़ी निकालनी पड़ी. ये डरावना था. ये मेरे जीवन का सबसे भयावह अनुभव था."
बीबीसी के न्यूज़डे कार्यक्रम में उन्होंने कहा, "ये बहुत पीड़ादायक था, हम इस पीड़ा को लंबे समय तक महसूस करेंगे. हमारा पूरा समुदाय पीड़ा में है. अब मैं इस आग के वीडियो भी नहीं देख पा रही हूं क्योंकि मैंने ये सब देखा है."
मारे गए कई लोग बुज़ुर्ग हैं या वो हैं जिन्हें चलने फिरने में समस्याएं थीं. आग से बच निकलना इनके लिए मुश्किथा.
पैराडाइज़ की जली हुई इमारतों में और लोगों की तलाश में फ़ोरेंसिक विशेषज्ञ जुटे हुए हैं. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इसमें कई सप्ताह तक का समय लग सकता है.
शवों की तलाश में खोजी कुत्तों को भी लगाया गया है.
आग की वजह से 1,11,000 एकड़ इलाक़ा तबाह हो गया है. अधिकारियों का कहना है कि अभी तक आग के 25 फ़ीसदी हिस्से पर ही काबू पाया जा सका है.

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